Shark Tank India-3: अमेरिकी सेना के हेलमेट से आया आइडिया, ना सुन पाने वालों के लिए इस Startup ने बनाया खास प्रोडक्ट
शार्क टैंक इंडिया में कभी-कभी कुछ ऐसे स्टार्टअप आ जाते हैं, जो दिल को छू लेते हैं. तीसरे सीजन के सातवें एपिसोड में भी एक ऐसा ही स्टार्टअप आया, जिसका नाम है Wehear. यह स्टार्टअप एडवांस टेक्नोलॉजी वाले कॉस्ट इफेक्टिव हीयरिंग सॉल्यूशन बनाता है.
शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India-3) में कभी-कभी कुछ ऐसे स्टार्टअप आ जाते हैं, जो दिल को छू लेते हैं. तीसरे सीजन के सातवें एपिसोड में भी एक ऐसा ही स्टार्टअप आया, जिसका नाम है Wehear. यह स्टार्टअप एडवांस टेक्नोलॉजी वाले कॉस्ट इफेक्टिव हीयरिंग सॉल्यूशन बनाता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार 2030 तक करीब 100 करोड़ लोग ऐसे होंगे, जिन्हें सुनने से जुड़ी कोई ना कोई दिक्कत होगी. वहीं दुनिया भर में करीब 2.5 करोड़ लोग अभी ऐसे हैं, जिनके या तो कान नहीं होते, या फिर वह सुन नहीं सकते. अभी तक ऐसे लोगों के पास सिर्फ एक ही विकल्प होता है कि वह कान की सर्जरी कराएं, जिसमें उनके 8 लाख रुपये खर्च होते हैं. एक आम इंसान के लिए यह रकम बहुत बड़ी है, ऐसे में Wehear इन लोगों की समस्या का समाधान कर रहा है, जिसकी शुरुआत की है अहमदाबाद के कनिष्ट पटेल और राज शाह ने.
3 तरह के प्रोडक्ट बनाती है ये कंपनी
मौजूदा वक्त में कंपनी के दो प्रोडक्ट मार्केट में हैं और एक प्रोडक्ट को कंपनी जल्द ही लॉन्च करने वाली है. कंपनी का पहला प्रोडक्ट है HearNU Pro. इसकी मदद से कान को बाईपास कर के दिमाग को सीधे सिग्नल भेजे जा सकते हैं. इसमें बोन कंडक्शन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है. यह नॉन-सर्जिकल सॉल्यूशन सिर्फ 80 हजार रुपये में ग्राहकों को मिल सकता है. यह उन लोगों के लिए है, जिनके कान ही नहीं हैं या जो बिल्कुल नहीं सुन सकते.
ईयरफोन जैसे इस हीयरिंग सॉल्यूशन के साथ एक बैंड भी मिलता है, जिसमें कई माइक्रोफोन लगे होते हैं. ये बैंड हीयरिंग ऐड से प्लूटूथ के जरिए जुड़ा रहता है. बैंड आस-पास की सारी आवाजों को प्रोसेस करता है और रीयल टाइम में हीयरिंग ऐड तक पहुंचाता है. ब्लूटूथ में ड्युअल कनेक्टिविटी है तो आप साथ में फोन, लैपटॉप या कोई दूसरा डिवाइस भी जोड़ सकते हैं. दूसरा प्रोडक्ट है WeHear OX, जो आपको भविष्य में होने वाले हीयरिंग लॉस से बचाने का काम करेगा. वहीं तीसरा प्रोडक्ट है HearNU BTE Prime, जो कंपनी जल्द ही मार्केट में लॉन्च करने वाली है.
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
मौजूदा वक्त में कंपनी के पास तीन ग्रांटेड पेटेंट हैं और 3 पब्लिश्ड पेटेंट हैं. इस कंपनी में अभी करीब 38 लोग काम करते हैं. ये स्टार्टअपर भारत के 11 शहरों में है और 13 देशों तक अपनी सेवाएं फैला चुका है. स्टार्टअप फाउंडर्स ने इस बिजनेस के लिए 1 फीसदी इक्विटी के बदले 2.5 करोड़ रुपये का निवेश मांगा यानी 250 करोड़ रुपये की वैल्युएशन मांगी.
जिन लोगों के कान नहीं होते या कान के छेद ही नहीं होते हैं, वह भी इस स्टार्टअप के हीयरिंग हेडफोन के जरिए सुन सकते हैं. इस कंडीशन को मेडिकल की भाषा में माइक्रोशिया कहा जाता है, जिसमें बचपन से ही लोगों के कान नहीं होते हैं. ऐसे में एक सर्जरी के जरिए ड्रिलिंग कर के फिर उसमें डिवाइस इंस्टॉल किया जाता है. स्टार्टअप ने जो हेडफोन बनाया है, उसमें कोई स्पीकर नहीं होता है, बल्कि वह बाइब्रेट करते हुए दिमाग को सिग्नल भेजता है. स्टार्टअप का दावा है कि आज के वक्त में सर्जरी के अलावा सिर्फ यही सॉल्यूशन है, जो सिर्फ इनके पास है. उनका यह भी दावा है कि इसे मैसूर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हीयरिंग ने इसे टेस्ट कर के इस्तेमाल करने का सुझाव भी दिया है.
यूएस आर्मी के हेलमेट से आया आइडिया
साल 2017 में कनिष्ट पटेल और राज शाह गुजरात यूनिवर्सिटी स्टार्टअप ईकोसिस्टम का हिस्सा थे. वहां पर कनिष्क ने एक आर्टिकल पढ़ा, जिससे उन्हें बोन कंडक्शन टेक्नोलॉजी के बारे में पता चला. अमेरिका की सेना अपने सैनिकों के हेलमेट में इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती है. जब कनिष्क ने इस बारे में पढ़ा तो उन्हें आइडिया आया कि अगर कान को बाईपास कर के आवाज को लोगों के दिमाग तक भेजा जा सकता है तो इससे ना सुनने वालों के लिए कुछ बना सकते हैं. करीब 4.5 साल मेहनत करने के बाद उन्होंने और राज ने मिलकर ये प्रोडक्ट बनाया.
इस कंपनी ने पहला राउंड 2021 में 5 करोड़ की वैल्युएशन पर किया था, जिसके तहत 1 करोड़ रुपये जुटाए थे. उसके बाद 2022 में 50 करोड़ रुपये की वैल्युएशन पर 2.5 करोड़ रुपये जुटाए थे. कंपनी ने आखिरी राउंड 268 करोड़ रुपये के वैल्युएशन पर 8 करोड़ रुपये जुटाए थे. कंपनी अब तक 5 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की सेल कर चुकी है और हर महीने कंपनी करीब 90 लाख का बिजनेस कर रही है. कंपनी का ज्यादातर बिजनेस एक्सपोर्ट से आता है.
मौजूदा वक्त में यह कंपनी 30 शहरों में है और 25 देशों तक पहुंच चुकी है. कंपनी करीब 2.25 लाख डिवाइस बेच चुकी है. अभी कंपनी मुनाफे में है और अगले 3 सालों में 160 करोड़ रुपये की सेल्स तक पहुंचने का टारगेट है. इस कंपनी को पीयूष बंसल ने 2.5 करोड़ रुपये का निवेश दिया. इसके बदले उन्होंने 2.5 फीसदी इक्विटी ली, जिसमें 1 फीसदी इक्विटी और 1.5 फीसदी एडवाइजरी इक्विटी है. इस तरह उन्होंने कंपनी की वैल्युएशन 250 करोड़ रुपये लगाई है.
06:00 AM IST